बच्चों को खेल-खेल में एवं रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिए आंगनबाड़ी सहायिका एवं शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रत्येक बालवाड़ी के लिए बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री एवं प्रिंटरीच रंग-रोगन के लिए 01 लाख रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस वर्ष 5173 बालवाडि?ां प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाडि?ां खोली जाएंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है। एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं। शिक्षण की शुरूआत तभी हो जानी चाहिए, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो।
योजना के शुभारंभ के अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि बालवाड़ी योजना का उद्देश्य बच्चों के मानसिक,सामाजिक,मनोवैज्ञानिक एवं संज्ञानात्मक विकास करने एक लिए एक शिक्षण-सेतु के तौर पर कार्य करेगी ताकि 05 से 06 वर्ष की उम्र में जब बच्चे पहली कक्षा में जाएं तो वह उसके लिए पूरी तरह तैयार हो चुके हों। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि इस वर्ष 5173 बालवाडि?ां प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाडि?ां खोली जाएंगी।
इस अवसर पर कृषि, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ आलोक शुक्ला, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह,सचिव स्कूल शिक्षा डॉ एस भारती दासन, विशेष सचिव कृषि डॉ.अयाज तंबोली,समग्र शिक्षा प्रबंध संचालक नरेन्द्र दुग्गा एवम् अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।