छत्तीसगढ़ में जन्माष्टमी का पर्व दुर्ग-भिलाई शहर में धूम धाम से मनाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कैंप हाउस भिलाई तीन की जन्माष्टमी की पूजा आकर्षण का केंद्र रही। मुख्यमंत्री ने अपने पूरे परिवार के साथ भगवान श्री कृष्ण की पूजा की। कैंप हाउस में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था। मुख्यमंत्री की पत्नी, बहू, बेटे और घर के अन्य सदस्यों ने विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की। इस दौरान नाना (मुख्यमंत्री) और नाती अथर्व (बेटी का बेटा) की जोड़ी खूब रमी।मुख्यमंत्री ने जहां शंखनाद करके पूजा की शुरूआत की तो नाती ने कान्हा के पलने की डोर खींची। इसके बाद नाना ने नाती को गोद पर उठा लिया। नाना की गोद में चढ़कर अथर्व ने घंटी बचाई और दही हांडी को फोड़ा।जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर कैंप हाउस आस्था और उमंग से सराबोर रहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परिजनों के साथ जन्माष्टमी की खुशियां साझा की। सभी के साथ जन्माष्टमी का पर्व उत्साह से मनाया गया।कान्हा बने अथर्व ने फोड़ी दही हांडी
इस पूजा के दौरान आकर्षण का केंद्र नन्हें अथर्व अपने नटखट अंदाज में चलते रहे। उनकी आभा देखते ही बन रही थी। मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने हाथों से उठा लिया। इसके बाद गोविंदा (अथर्व) ने अपने नाना के सहयोग से दही की हांडी फोड़ी। इसके बाद विधिवत तरीके से पूजा की गई।
अथर्व ने दिखाई कान्हा की लीला
नन्हे अथर्व सिर्फ कन्हा के वेश में नहीं थे, बल्कि उन्होंने कन्हैया की लीला भी इस मौके पर प्रस्तुत की। अथर्व ने कान्हा की एक्टिंग करते हुए मनमोहक डांस दिखाया। इस मौके पर गोकुल जैसा नजारा कैम्प हाउस स्थित मुख्यमंत्री निवास में दिखा।
मुख्यमंत्री ने किया शंख बजाकर तुमुल घोष
मुख्यमंत्री के यहां परंपरा है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभारंभ शंख ध्वनि के साथ किया जाता है। इस परंपरा को मुख्यमंत्री ने स्वयं शंख बजाकर निभाया। उन्होंने अपने हाथों में शंख लेकर जन्माष्टमी पर्व के आगाज का तुमुल घोष किया।