हरिद्वार में हुई धर्म संसद विवादित बयानों की वजह से चर्चा में थी। अब इसके एक साल बाद गाजियाबाद के डासना मंदिर में बड़ी धर्म संसद का आयोजन होने जा रहा है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद के मुताबिक 17 और 18 दिसंबर को शिव शक्ति धाम डासना में यह धर्म संसद आयोजित होगी।
सह आयोजक यति नरसिंहानंद ने कहा, हम संतों और हिंदू जानकारों व अध्यात्मिक गुरुओं को निमंत्रण पत्र भेज रहे हैं। बता दें कि स्वामी नरसिंहानंद भी वसीम रिजवी के साथ ही हरिद्वार हेट स्पीच मामले के आरोपी हैं। उन्हें 14 जनवरी को सर्वानंद गंगा घाट से गिरफ्तार कर लिया गया था। उस दौरान वह वसीम रिजवी की गिरफ्तारी के विरोध में धरना दे रहे थे। हेट स्पीच मामले में यति नरसिंहानंद को 7 फरवरी को जमानत मिली थी।
धर्म संसद से हुआ था मोहभंग
खास बात यह है कि इसी साल मई में स्वामी नरसिंहानंद ने कहा था कि वह भविष्य
में इस्लामिक जिहाद के विरोध में किसी धर्म संसद का आयोजन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा था कि अखाड़ा परिषद और बहुत सारे संत उनके समर्थन में आवाज
नहीं बुलंद कर रहे हैं जिससे वह बहुत दुखी और निराश हैं। उन्होंने कहा था
कि कम से कम संतों को उनके समर्थन में बोलना चाहिए। इसी बात से खिन्न होकर
उन्होंने धर्म संसद में सक्रिय सहभागिता ना करने की बात कही थी।
पिछले साल वेद निकेतन आश्रम हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था। यहां मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर विवाद पैदा हो गया था। 23 दिसंबर को उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। यति नरसिंहानंद ने ही वसीम रिजवी का धर्मांतरण करवाया था। 10 दिन के बाद ही दूसरी एफआईआर दर्ज हुई। इसमें यति नरसिंहानंद का भी नाम शामिल था।